Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

गीतिका छंद

◆ गीतिका छंद ◆

विधान~
[सगण जगण जगण भगण रगण सगण+लघु गुरु]
(112 121 121 211 212 112 12)
20वर्ण, 10-10 वर्णों पर यति,
4 चरण,दो-दो चरण समतुकांत।

नित भोर से जब जागिये,
गुरु नामको सुमिरौ भले।
हर सिद्ध कारज जानिये,
सब आपकी विपदा टले।।
सबसे बड़ी महिमा कहें,
सब वेद श्री गुरु नाम की।
सुरलोक से बड़ मानिये,
रज”सोम”श्रीगुरु धाम की।।

~शैलेन्द्र खरे”सोम”

Language: Hindi
1 Comment · 3142 Views

You may also like these posts

मूक संवेदना
मूक संवेदना
Buddha Prakash
कलयुग और सतयुग
कलयुग और सतयुग
Mamta Rani
जो तू नहीं है
जो तू नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
माल हवे सरकारी खा तू
माल हवे सरकारी खा तू
आकाश महेशपुरी
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
कल में जीवन आस है ,
कल में जीवन आस है ,
sushil sarna
शिक्षा होने से खुद को  स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
शिक्षा होने से खुद को स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
पूर्वार्थ
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
Dr Archana Gupta
"ए एड़ी न होती"
Dr. Kishan tandon kranti
आजादी का जश्न मनायें
आजादी का जश्न मनायें
Pratibha Pandey
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जी चाहता है
जी चाहता है
Shyam Sundar Subramanian
कि दे दो हमें मोदी जी
कि दे दो हमें मोदी जी
Jatashankar Prajapati
कभी कभी
कभी कभी
Sûrëkhâ
खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया
खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया
Vijay kumar Pandey
शीर्षक – जीवन पथ
शीर्षक – जीवन पथ
Manju sagar
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
अंसार एटवी
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
Pramila sultan
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रिये ! अबकी बार तुम्हारे संग, दीपावली मनाना चाहता हूँ....!
प्रिये ! अबकी बार तुम्हारे संग, दीपावली मनाना चाहता हूँ....!
singh kunwar sarvendra vikram
4860.*पूर्णिका*
4860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती वंदना
Karuna Goswami
मन का भाव
मन का भाव
Mahesh Jain 'Jyoti'
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मन
मन
अवध किशोर 'अवधू'
बारिश का है इंतजार
बारिश का है इंतजार
Shutisha Rajput
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
Ranjeet kumar patre
Loading...