Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2022 · 2 min read

गीतिका छंद (साली का चक्कर)

गीतिका छंद
212,2212,2
212 ,2212
साली का चक्कर
********************
चाहती साली हमेशा,घूमने फिरने मिले।
खूब देखें साथ पिक्चर,बंद ना हों सिलसिले ।

सास माता चाहती थी कब किसी इतवार में
दूर लेजाकर घुमा दूँ चुलबुली को कार में

यंग साली रंग गोरा,रस भरी प्याली लगे।
बात में घोले मधुरता,नित्य दीवाली लगे।

जोड़ दी परमात्मा ने,इस तरह दिल की कड़ी।
ले गये उसको घुमाने,जून में हम पचमढी।

था बड़ा मौसम सुहाना,सुखद सुन्दर ऐरिया।
दे रहे पल पल परीक्षाजो समय था ले रिया।

साफ दिल के हम सदा से,
व्यर्थ का ना भय करें।
हो जरूरी जो जहाँ पर,हाथ खोले व्यय करें ।

हो गई साली बडी खुश,
सतपुड़ा को घूमकर ।
लौट आए घर गुरू जी,भाग अपना चूमकर ।

सोचने सबके दिलों में यह कदम रंगीन था ।
श्रीमती की दृष्टि में शक,
मामला संगीन था ।

देखते ही एकदम से,फट पड़ा ज्वालामुखी।
है फिकर किंचित न तुमको मैं पड़ी घर में दुखी।

क्या जरूरत है कहीं भी,जा रहे लेकर इसे।
हो गया कुछ ऊँच नीचा,मुँह दिखाओगे किसे।

लग रही कैसी तुम्हारी बदलती सी चाल है ।
दाल में काला हुआ या पूर्ण काली दाल है ।

बात तो कुछ भी नहीं है,जिस तरह तुम कह रहीं।
आज तक मुझको न समझा,
साथ कबसे रह रहीं।

हो भले तुम ठीक मन से,नेक दिल है हाथ में।
घास सूखी ना रहेगी,आग वाले साथ में।

हो कहीं भी इस तरह का,पंक लिपटा काम है।
तो मुसीबत याद आएकाम जीजा नाम है।

ये कहाँ कैसी उड़ेगी,है कहाँ तक शिष्टता।
एक दिन तुमको डुबा देये विचारोत्कृष्टता।

भावना में शुद्धता है,नींद से कैसी जगीं
गंदगी का ठीकरा यह,फोड़ने मुझपर लगी।

सावधानी है जरूरी,जिंदगी की राह में।
भूल जाऊँ मैं सभी को,एक तेरी चाह में।

हो अकेली एक तुम ही,प्रेम के बाजार में।
और तुम जैसी नहीं है,सुंदरी संसार में।

ताज से भी तुम अधिक हो,
खूब सूरत जानलो।
तुम मुझे दिल बैंक वाला
फिक्स का धन मानलो।

छोड अपना दल पुराना,गैर को नेता चुनूँ।
चैक हूँ जो हर किसी के साइनों से ना भुनूँ।

माफ कर दो भावना में,गर जरा बहके कदम।
पर कभी यों छोड़ तुमको,अब कहीं जायें न हम।

कान पकड़ूँ मांग माफी,विघ्न बाधा टालनी।
माफ कर धरमेन्द्र को तू,आज हेमा मालिनी।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
10/12/22

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 104 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मीडिया पर व्यंग्य
मीडिया पर व्यंग्य
Mahender Singh
अक्सर....
अक्सर....
हिमांशु Kulshrestha
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बचा ले मुझे🙏🙏
बचा ले मुझे🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Keshav kishor Kumar
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
#साहित्य_में_नारी_की_भूमिका
#साहित्य_में_नारी_की_भूमिका
पूनम झा 'प्रथमा'
"व्यवहार"
Dr. Kishan tandon kranti
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
बाण मां री महिमां
बाण मां री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
समझ
समझ
मधुसूदन गौतम
मैं ज्यादा पूजा-पाठ में यकीन नहीं करता। मैं ज्यादा मंदिर जान
मैं ज्यादा पूजा-पाठ में यकीन नहीं करता। मैं ज्यादा मंदिर जान
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
Dr fauzia Naseem shad
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
शेखर सिंह
जो खुद को हमारा
जो खुद को हमारा
Chitra Bisht
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
पूर्वार्थ
नई सोच नया विचार
नई सोच नया विचार
कृष्णकांत गुर्जर
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
Neelofar Khan
जिन्दगी का मामला।
जिन्दगी का मामला।
Taj Mohammad
■ और एक दिन ■
■ और एक दिन ■
*प्रणय*
कहानी
कहानी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Why Doesn't mind listen?
Why Doesn't mind listen?
Bindesh kumar jha
बचपन
बचपन
Shashi Mahajan
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
Dr Archana Gupta
प्रीत निभाना
प्रीत निभाना
Pratibha Pandey
Loading...