गीतिका- किसको किसको प्यार लिखें
गीतिका- किसको किसको प्यार लिखें
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कितनों ने दिल सौंप दिया है किसको किसको प्यार लिखें
पर चाहत के बदले बोलो कैसे हम इनकार लिखें
लिखने को तो लिख डालेंगे एक नया इतिहास मगर
तुम जो साथ नहीं आये तो दुनिया है बेकार लिखें
शादी है जीवन की गाड़ी हम तो अक्सर लिखते थे
लेकिन अब जब भी लिखते हैं जाने क्यों मझधार लिखें
कविता तो सौतन है उनकी कविता से वे जलतीं हैं
लेकिन हमको लत है ऐसी कविता ही हर बार लिखें
बहुत लिखें हैं उल्टा-सीधा सच है पर ‘आकाश’ यही
हे पत्नी तुम पूजनीय को जीवन का आधार लिखें
– आकाश महेशपुरी