गिला कोई नही
१.
कितना कुछ कहना था तुमसे
पर… गिला कोई नही
जो गुजरी हो तुमसे,
फिर क्या कहूं मैं अब तुमसे
ढूंढती हूँ बहाने कई
जो कुछ भी ऐसे ही कहूँ तुमसे
………………………………….
कितना खाली होउंगी मैं
जाने कितने भरे होगे तुम
उस खाली उस भरने को भी
कैसे किस बिधी कहूं तुमसे
…सिद्धार्थ
२.
दश्त-ओ-सहरा में सुकूं लेके बैठे हैं चंद लोग
चरों तरफ बस फैली है खुशनुमां सी जिंदगी।
…सिद्धार्थ