गिरोहबंदी …
गिरोहबंदी हर तरफ हाबी
आत्मश्लाघा भी बेशुमार
लोभ के पाश में जकड़ा
हर एक नामवर किरदार
दूजे की सराहना होती है
बिरले लोगों को हजम
ऐसे में बहुत कम में होता
है मंच साझा करने का दम
फिर ईश्वर की कृपा का भी
होता है महत्वपूर्ण योगदान
परम प्रकाशक की विशेष
कृपा से बढ़ते जाते कद्रदान
खुद को दीया मानकर जो भी
करे विषमताओं से दो दो हाथ
तमाम झंझावातों में ईश्वर भी
देता उन जुझारुओं का साथ