गिरेबान
दुनिया में यदि हर व्यक्ति अपना- अपना गिरेबाँ देखता ,
बजाये एक दुसरे पर तोहमत लगाने के . तो ना कोई झगडा होता ,और ना ही किसी तरह का फसाद . सब के दिलों में एक -दुसरे के लिए दिल में प्यार होता. इंसानियत होती संवेदनशीलता होती. . तो यह दुनिया कितनी खुबसूरत होती. काश ऐसा होता. !