गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर जो,बने देश की शान ।
खून पसीना एक कर , करते सृजन महान।।
करते सृजन महान,सनातन के रखवाले |
भाषा बोली एक, हिंद के थे मतवाले ।।
शोषण का पर्याय ,फिरंगी थे गिरगिटिया |
मान सनातन धर्म, रहे शोषित गिरमिटिया |।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम