गिरगिट
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ना जाने ये कैसी हवा है -ये कैसी लाइलाज बीमारी है की अपने हो या पराये बदलते जरूर हैं ,उनके इतने बदलते रंग देख कर कई बार सोचता हूँ की गिरगिट ज्यादा रंग बदलता है या इंसान …?
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन हर माँ बाप जानते हैं -समझते हैं -देखते हैं की अक्सर औलाद के बड़े होते ही उनके रंग क्या होंगें -पर ये कैसा जीवन चक्र है जो सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है शायद इसी हसीं धोखे का नाम जिंदगी है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दुनिया कहाँ से कहाँ आ गई ,जहाँ मोबाइल का वास्तविक मतलब एक दुसरे के संपर्क में रहना था वहां कैमरे का दुरुपयोग , रिकॉर्डिंग और मैसेज के स्क्रीनशॉट ने विश्वास -अपनापन सब छीन लिया ,कब आपकी भावुकता भरी बात या किसी से नोंक झोंक की शिकायत नमक मिर्च लग कर चौराहे की खबर बन जाए -पता नहीं …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे चर्च में सजदा करने या गंगा में डुबकी से ऊपरी शरीर तो साफ़ हो सकता है पर मन मस्तिष्क ह्रदय में चल रही साजिशें -गलत विचार उनको साफ़ करने के लिए तो अपनी आतंरिक ब्रह्माण्ड की यात्रा ही करनी पड़ेगी …और वहां अपने आप से ही सच्चे ह्रदय से सवाल जवाब करने होंगें ,जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांगनी होगी …!
Affirmations:-
16.एक दरवाज़ा बंद होता है तब दूसरा दरवाज़ा खुलता है…,
17.मैं परिर्वतन के लिए इच्छुक हूं…,
18.मै परिवर्तन के लिए और बढऩे के तैयार हूं…,
19.यह केवल एक सोच है तथा सोच को बदला जा सकता है…,
20.अब मैं अपना भविष्य बनाऊंगा…!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
स्वरचित एवं स्वमौलिक
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱