गिफ्ट
गिफ्ट
सत्तारूढ पार्टी के विधायक शाम को अपने घर मुंह लटकाए आए। आकर ड्राइंग रूम के सौफे पर पसर गए।
विधायक की पत्नी समझ नहीं पाई कि आज ये क्या माजरा है?
वह सोच रही थी, सुबह तो मुख्यमंत्री के घर पौता होने की खुशी में, बधाई देने के लिए, खुशी-खुशी घर से गए थे।
अब मुंह लटकाए आए हैं। ऐसा क्या हुआ? गैरेज भी खाली है। गाड़ी जाने कहाँ छोड़ आए?
विधायक महोदय के नजदीक जाकर बैठ कर जानने का प्रयास किया कि क्या परेशानी है?
विधायक महोदय ने बताया कि गाड़ी तो चोरी हो गई।
उनकी पत्नी बोली, “सरकार आपकी, मुख्यमंत्री आपका, फिर भी गाड़ी चोरी हो गई, ऐसा कैसे हुआ?”
पत्नी समक्ष जब उसकी एक न चली तो विधायक ने सारी बात, अपनी पत्नी से सच-सच बताने में ही अपनी भलाई समझी।
वह बोला, “अपनी महंगी गाड़ी को पार्किंग स्थल पर खड़ी करके। बधाई देने मुख्यमंत्री के आवास पहुंचा, ज्यों ही मुख्यमंत्री को पौत्र के जन्म की बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने गाड़ी की चाबी अपने ड्राईवर से लेकर अपने नवजात पौत्र के हाथ में, यह कहते हुए थमा दी कि आपके अंकल ने आपको गाड़ी गिफ्ट की है।”
आपका विधायक पति, उसका गनमैन, व ड्राइवर बस में आए हैं।
-विनोद सिल्ला