गामक
रहीम मम्मा आय अऐछ काजै
किछुओ बोझ आय रहिते नाचै
से दिन पुर्णविराम,तिरहुत देस
बुझेलन्हि ? दर्श दिर्घ सुधी केर
अमेर लखोलनि ? वैधनाथजीक
विजय पताका ,विजय रथ पर
जय जय विदेह जय गौ गौरी देस
तुहि कने चिन्हेलनि,आप्पन लोक
तोरे मुख से,कामनि कथा सुनि
कपूर करूपुरी, घर गामक लोक