गाडरवारा जिला बनाने लोकगीत
लोकगीत
ध्यान काहे न देवें अधिकारी ।
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।।
एन टी पी सी से मिटी बेरोजगारी।
सुचारू व्यवस्था है सारी।।
उर्वर भूमि है फसल उगाने।
दस लाख वोटर मनमाने।।
उम्दा दाल,शक्कर कारखाने।
कार्यालय भवनों के लाने।।
भूमि पड़ी है सरकारी ,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे—-
सन अठारह में जिला बने हमारो।
लटका झटका जामे न डारो।।
वानवे में नक्शा स्वीकारो।
आठ में सीमांकन उभारो।।
पूरी जनता ने लयी भागीदारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे—-
शक्कर दुधी और नर्मदा धारा।
भोले मृगननाथ और गाडरवारा।।
अट्ठायसे का बलदाऊ मन्दिर है प्यारा।
सालों पुराना रिछावर का नज़ारा।।
अखण्ड धूनी साईंखेड़ा की न्यारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे—–
गाडरवारा है जिला बनबे लायक।
रेल मार्ग,सड़क सुविधा दायक।।
ओशो,द्विवेदी,वज्र,राठी थे नायक।
नीलकुण्ड ब्रम्हा फलदायक।।
कितनी पावन है भूमि हमारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे——-
तेंदूखेड़ा,साईंखेड़ा,वनखेड़ी तहसीलों से।
तन्नक काम को उदयपुरा से जाएं मीलों से।।
दूर न चाहें जिला अपने कबीलों से।
हम नै फस हैं झूठी दलीलों से।।
कब तक जनता भटक है बेचारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे——
श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव साईंखेड़ा