गाओ यार गीत वर्षा के !!!
गाओ यार गीत वर्षा के !!!
*************************
हरा-भरा है कोना-कोना,
छोडो अब सूखे का रोना,
हरियाली की गोद में जाके,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
आओ हिल-मिल झूला झूलें,
पेंग बढाये,नभ को छू लें ,
तारे- चाँद जमी पे लाके,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
माँ जी झट से चाय बनाओ,
मुन्नी गरम पकौडे लाओ,
पीकर चाय पकौडे खाके,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
वर्षा रानी की मनमानी,
इसने कुछ करने की ठानी,
इसको अपने अंग लगा के,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
***** हरीश चन्द्र लोहुमी