गांव पर रचना
गांव जब से शहर हो गये
नेता तब से अंगूर हो गये ,
छोड़ दिया लोंगों का सांथ
क्योकि वे मजबूर हो गये
गांव जब से शहर हो गये
नेता तब से अंगूर हो गये
प्रमोद रघुवंशी
दिनांक :-01-01-2017
गांव जब से शहर हो गये
नेता तब से अंगूर हो गये ,
छोड़ दिया लोंगों का सांथ
क्योकि वे मजबूर हो गये
गांव जब से शहर हो गये
नेता तब से अंगूर हो गये
प्रमोद रघुवंशी
दिनांक :-01-01-2017