Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2020 · 2 min read

रेलगाड़ी और गोल

आज गांव के मैदान में दूर के एक छोटे से गांव बांदवान की फुटबॉल टीम के साथ मैच था।

दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मैदान के पूर्वी छोर से बांदवान के खिलाड़ियों ने मैदान की मिट्टी को छूकर माथे से लगाते हुए फुटबॉल को एक दूसरे को पास देते हुए उत्तर के दिशा के गोल पोस्ट की ओर जाकर एक गोल दाग दिया।

यही क्रम हमारे गाँव के खिलाड़ियों ने भी किया।

फिर रेफरी की सिटी को सुनकर एक दूसरे के आमने सामने एक कतार में खड़े हो गए। हाथ मिलाकर दोनों दलों के खिलाड़ियों ने अपनी अपनी पोजीशन ले ली। दोनों दल के गोल रक्षक भी अपने अपने गोल पोस्ट के डंडे पर अपना सर रख कर प्रणाम करते हुए, अपनी जगह पर खड़े हो गए।

रेफरी की सिटी के साथ खेल शुरू हुआ। दोनों टीम जी जान लगाकर खेल रही थी। कड़ा मुकाबला था।

हाफ टाइम तक मैच बराबरी पर था। कोई भी टीम दूसरे की रक्षा पंक्ति को भेद कर गोल नहीं कर पाई थी।

पांच सात मिनट के अंतराल के बाद पानी पीकर और आयोजकों द्वारा वितरित की हुई च्यूंगमो को मुँह मे डाल कर, खिलाड़ी छोर बदल कर फिर खड़े हो गए।

रेफरी की सिटी के साथ खेल शुरू हो गया,
मैदान के पूर्वी और पश्चिमी दिशा की रेखाओं के पास दोनों लाइनमैन झंडी लेकर इधर उधर मुस्तैदी से दौड़ रहे थे।

मैच अभी भी कांटे का था।

खेल खत्म होने के दस मिनट पहले हमारी टीम के दो फॉरवर्ड बॉल लेकर आगे बढ़ रहे थे। इसी बीच मैदान के पश्चिमी ओर कुछ दूर बिछी रेल की पटरियों पर एक मालवाहक रेल गुजरने लगी।

बांदवान की टीम ने शायद पहली बार रेलगाड़ी देखी थी। उसके खिलाड़ी मैच को भूलकर रेल को गुजरता हुआ देखने लगे। उनका ध्यान बंटा देखकर हमारे खिलाड़ियों ने गोल कर दिया।

दर्शक उनकी इस बेफकूफ़ी और देहातीपन पर हंस रहे थे और अपनी टीम के गोल देने पर तालियाँ बजा रहे थे।

तभी दर्शकों बीच बैठे एक बुजुर्ग व्यक्ति की आवाज़ आयी।

“एई भाभे गोल टा देवा किन्तु ठीक होलो ना”(इस तरह गोल देना ठीक नहीं हुआ)। दर्शकों के जीत के जश्न में वो आवाज़ कहीं दब के रह गई।

मैंने पीछे मुड़कर उस आवाज़ को तलाशने की कोशिश की।

घर लौटते हुए पराजित टीम के उदास खिलाड़ियों और गोल रक्षक की भींगी हुई आंख मुझे कचोट रही थी!!!

Language: Hindi
4 Likes · 6 Comments · 288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Umesh Kumar Sharma
View all
You may also like:
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
अंजानी सी गलियां
अंजानी सी गलियां
नेताम आर सी
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"I am the Universe
Nikita Gupta
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
Aarti sirsat
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
"कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
रुसल कनिया
रुसल कनिया
Bindesh kumar jha
मुख़्तसर   राब्ते   करे    सबसे ।
मुख़्तसर राब्ते करे सबसे ।
Dr fauzia Naseem shad
“मंजर”
“मंजर”
Neeraj kumar Soni
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
पूर्वार्थ
गौतम बुद्ध के विचार --
गौतम बुद्ध के विचार --
Seema Garg
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
मनोज कर्ण
मैं  ज़्यादा  बोलती  हूँ  तुम भड़क जाते हो !
मैं ज़्यादा बोलती हूँ तुम भड़क जाते हो !
Neelofar Khan
3577.💐 *पूर्णिका* 💐
3577.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
आज फ़िर कोई
आज फ़िर कोई
हिमांशु Kulshrestha
जल है, तो कल है - पेड़ लगाओ - प्रदूषण भगाओ ।।
जल है, तो कल है - पेड़ लगाओ - प्रदूषण भगाओ ।।
Lokesh Sharma
चुनाव
चुनाव
Shashi Mahajan
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो,
दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो,
Ajit Kumar "Karn"
कहां खो गए
कहां खो गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
👍आज का एलान👍
👍आज का एलान👍
*प्रणय*
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...