Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2022 · 1 min read

गाँव से लौट कर

शायद कुछ ही लोग
अब वहाँ पहचानते हों मुझे,
इतना अरसा भी तो
बीच से गुजरा है।

वो पुराने वक़्त के बुजुर्ग
जो नसीहत व
दुआएँ देते थे,
वो तो कब के जा चुके

चिरपरिचित चेहरे
भी अब कहाँ रहे,
जो दिन रात हँसते
बोलते थे।

नए लोगों की अनगिनत
पौध,
गुजरती है
अजनबी सी ।

पर अब भी ,
कुछ मकानों के
बूढ़े हुए बंद दरवाजों
को खोल कर
अंदर जाना चाहती
है निगाहें,
अतीत की चंद
यादें तलाशने।

शुक्र है,
कुछ
मोटे दरख्त, गलियाँ और
रास्ते ,
अब भी ठीक वैसे
ही हैं,
तसल्ली के लिए।

और बारिश में
भींगी मिट्टी की महक,
नीम के पेड़
की, पुरानी सी खुशबू समेटे हुए
वो हवा,

अब भी दिलासा देतें हैं,

कि वो कभी नहीं
बदलेंगे।

इस जमीन में
मेरी जड़ें बहुत
अंदर तक फैली हैं,
नमी तलाश ही लेंगी
सूखी आँखों के लिए !!

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 281 Views
Books from Umesh Kumar Sharma
View all

You may also like these posts

*01 दिसम्बर*
*01 दिसम्बर*
*प्रणय*
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
धुंधली छाया,
धुंधली छाया,
meenu yadav
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
This is the situation
This is the situation
Otteri Selvakumar
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
3202.*पूर्णिका*
3202.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बता दे आज मुझे सरकार*
*बता दे आज मुझे सरकार*
Dushyant Kumar
कोई-कोई
कोई-कोई
Ragini Kumari
तिलक लगाओ माथ या,
तिलक लगाओ माथ या,
sushil sarna
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
Atul "Krishn"
*आओ जाने विपरीत शब्द -अर्थ*”
*आओ जाने विपरीत शब्द -अर्थ*”
Dr. Vaishali Verma
ज़मीर की खातिर
ज़मीर की खातिर
RAMESH Kumar
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
जय लगन कुमार हैप्पी
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
sushil yadav
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
gurudeenverma198
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
Abhishek Soni
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
Phool gufran
कुछ औरतें खा जाती हैं, दूसरी औरतों के अस्तित्व । उनके सपने,
कुछ औरतें खा जाती हैं, दूसरी औरतों के अस्तित्व । उनके सपने,
पूर्वार्थ
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
कार्तिक नितिन शर्मा
आभार धन्यवाद
आभार धन्यवाद
Sudhir srivastava
अवध में दीप जलायेंगे
अवध में दीप जलायेंगे
Kavita Chouhan
दिल चेहरा आईना
दिल चेहरा आईना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रावण
रावण
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
समय-समय पर कई तरह के त्योहार आते हैं,
समय-समय पर कई तरह के त्योहार आते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
पागल।। गीत
पागल।। गीत
Shiva Awasthi
जिंदगी से निकल जाने वाले
जिंदगी से निकल जाने वाले
हिमांशु Kulshrestha
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
Rachana
Loading...