गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
झुर्री पड़ती उम्र में बस चलते जाना।
सड़क तपती धूप, एक टोकरी अमरूद,
रोज़ की बात इनका ऐसे जी जाना…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
झुर्री पड़ती उम्र में बस चलते जाना।
सड़क तपती धूप, एक टोकरी अमरूद,
रोज़ की बात इनका ऐसे जी जाना…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार