गाँव बनाम शहर
मैने देखा है
शहर को
जब वो घाटे में होता है
सबसे पहले बेचता है
जमीन गांव की
उस घाटे से उबरने के लिये
यदि मुनाफ़े में आता है शहर
तब भी सबसे पहले
बेचता है जमीन गांव की
ये कहकर कि
अब क्या काम इस जमीन का
मैने देखा है गांव को भी
जब घाटे में आता है
पकड़ता है राह शहर की
उससे पार पाने को
यदि मुनाफे में आता है
तो चलता है शहर को
उसे बढाने को
फिर गांव शहर जाकर, शहर का हो जाता है
वापस आता है कभी जब वो तो
मिलता है तहसील में
गांव की जमीन बेचने को