गाँव का छोरा
भाग – 1
मैं तो हूँ गाँव का छोरा, शहर की एक तुम छोरी।
मैं तो हूँ साँवला बिल्कुल,मगर तुम हो बहुत गोरी।
बनेगा मेल कैसा ये, तुम्हारा और मेरा अब-
चलो रहने भी दो यारा, करो तुम दिल न ये चोरी।
भाग – 1
मैं तो हूँ गाँव का छोरा, शहर की एक तुम छोरी।
मैं तो हूँ साँवला बिल्कुल,मगर तुम हो बहुत गोरी।
बनेगा मेल कैसा ये, तुम्हारा और मेरा अब-
चलो रहने भी दो यारा, करो तुम दिल न ये चोरी।