Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2020 · 1 min read

गाँधी मेरे देश की..

【४२५-४३०】

गाँधी मेरे देश की, सुनो व्यथा तुम आज।
लूट मची चहुँओर है, कैसा आया राज ।।

सिसक रहीं है आबरू, गली-गली बाजार ।
देखो धूमिल हो रहे, बच्चों के संस्कार ।।

बात- बात पर झगड़ते,अपने ही यह लोग ।
गांधी मेरे देश में, कैसा फैला भोग ।।

बदल गए रिवाज सभी, बदल गए सब लोग ।
सत्य अहिंसा छोड़कर, पाले नाना रोग ।।

जब मिलता है मुफ्त का, कोई करें न काम ।
कामचोर बन लोग ये, नित झलकाते जाम ।।

गाँधी के आदर्श पर, जो चलते है लोग ।
जीवन में उनके सदा, सत्य प्रेम का योग ।।
—-जेपी लववंशी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
" नेतृत्व के लिए उम्र बड़ी नहीं, बल्कि सोच बड़ी होनी चाहिए"
नेताम आर सी
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
Dr MusafiR BaithA
असफलता का जश्न
असफलता का जश्न
Dr. Kishan tandon kranti
* थके पथिक को *
* थके पथिक को *
surenderpal vaidya
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज के दौर
आज के दौर
$úDhÁ MãÚ₹Yá
#विश्वेश्वरैया, बोलना बड़ा मुश्किल है भैया।।😊
#विश्वेश्वरैया, बोलना बड़ा मुश्किल है भैया।।😊
*Author प्रणय प्रभात*
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे  शुभ दिन है आज।
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
Anil chobisa
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
Dhriti Mishra
सोच
सोच
Srishty Bansal
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
ड्यूटी और संतुष्टि
ड्यूटी और संतुष्टि
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-189💐
💐प्रेम कौतुक-189💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
Kanchan Alok Malu
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
सत्य कुमार प्रेमी
*हमें कर्तव्य के पथ पर, बढ़ाती कृष्ण की गीता (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*हमें कर्तव्य के पथ पर, बढ़ाती कृष्ण की गीता (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
पूर्वार्थ
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3159.*पूर्णिका*
3159.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं स्वयं को भूल गया हूं
मैं स्वयं को भूल गया हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
विरह
विरह
नवीन जोशी 'नवल'
चुभते शूल.......
चुभते शूल.......
Kavita Chouhan
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
हार मानूंगा नही।
हार मानूंगा नही।
Rj Anand Prajapati
चाहे मिल जाये अब्र तक।
चाहे मिल जाये अब्र तक।
Satish Srijan
Loading...