गाँठ बांध लो बात ये देना नहीं उधार।
गाँठ बांध लो बात ये, देना नहीं उधार।
जो भी देना चाहते, समझ के दो उपहार।
समझ के दो उपहार, मांगना नहीं पड़ेगा।
मिल जाए गर डबल, धमाका बन फूटेगा।
कह ‘प्रेमी’ पैसा बचे औ’र रिश्तों में बाँट।
प्यार सदा कायम रहे पड़े न दिल में गाँठ।
……✍️प्रेमी