Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2021 · 1 min read

ग़रीब (मार्मिक कविता)

हम छी गरीब
नहि आब दैत छथि
हमरा कियो अपना करीब
किएक त हम छी गरीब।।

भरि दिन भूखले रहि केँ
किछु काज राज करैत छी
मुदा तइयो दू टा रोटी
लिखल नहिं अछि हमरा नसीब।।

जेकरे मौका भेटैत छन्हि
वैह हमर शोषण करैत अछि
किछु बाजब त बोइनो नहि भेटत
डरे हम किछु नहि बजैत छी।।

डेग डेग पर भ्रष्टाचार
एसगर हम केकरा सँ लड़ब
धिया पूता अन्न बिनू बिलैख रहल अछि
कहू कोना के हम जिअब।।

ठिकेदारो हमरे कमाई लूटि रहल अछि
जेबी मे नहि अछि एक्को टा टाका
नून रोटी खा कहूना के रहि जइतहुँ
मुदा बढ़ल मँहगाई गरीबक घर देलक डाका।।

टाकाक अभाव मे आब हम
बनि गेलहुँ अस्पतालक मरीज
डॉक्टरो हमरा देखी कहैत छथि
तू दूरे रह नहि आ हमरा करीब।।

विधाता केहेन रचना केलैन
जे हमरा बनौलन्हि गरीब
नहि आब दैति छथि
हमरा कियो अपना करीब।।

आब अहिं कहू यौ समाजक लोक
अधपेटे कोनो जीबैत छी हम
गरीबिक दुशचक्र अछि घेरेने
जिनगी जीबाक आस भेल आब कम।।

जी तोड़ मेहनत करैए चाहैत छी
मुदा कतए भेटत सब दिन काज
काज भेटलो पर होइत अछि शोषण
एना मे कोना करब धीया पूताक पालन पोषण।।

साँझ भिंसर दू टा रोटी भेटैए
एतबाक आस लगेने अछि गरीब
निक निकौत सेहन्तो नहि सोचैत छी
किएक त हम छी गरीब।।

कवि:- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Maithili
1 Like · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
Rituraj shivem verma
है शारदे मां
है शारदे मां
नेताम आर सी
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
Rj Anand Prajapati
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
Ashish shukla
पुष्प की व्यथा
पुष्प की व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
■
■ "मृतपूजक" वाली छवि से छुटकारा पाएं। जीवित का भी ध्यान रखें
*Author प्रणय प्रभात*
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
'हाँ
'हाँ" मैं श्रमिक हूँ..!
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वो परिंदा, है कर रहा देखो
वो परिंदा, है कर रहा देखो
Shweta Soni
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आंखें मेरी तो नम हो गई है
आंखें मेरी तो नम हो गई है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
जीवन के लक्ष्य,
जीवन के लक्ष्य,
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
"धन वालों मान यहाँ"
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
कितने एहसास हैं
कितने एहसास हैं
Dr fauzia Naseem shad
जनता की कमाई गाढी
जनता की कमाई गाढी
Bodhisatva kastooriya
कानून?
कानून?
nagarsumit326
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चंचल पंक्तियाँ
चंचल पंक्तियाँ
Saransh Singh 'Priyam'
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
gurudeenverma198
2285.
2285.
Dr.Khedu Bharti
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
Anand Kumar
मैं फकीर ही सही हूं
मैं फकीर ही सही हूं
Umender kumar
विद्या देती है विनय, शुद्ध  सुघर व्यवहार ।
विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बेटी से प्यार करो
बेटी से प्यार करो
Neeraj Agarwal
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
फागुन
फागुन
Punam Pande
Loading...