Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2024 · 1 min read

ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती

ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
कमी वरना नहीं थी इक मेरी चाहत शराफ़त में

आर. एस. ‘प्रीतम’

1 Like · 61 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

23/164.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/164.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- बचपन चला गया पर बचपना नही गया -
- बचपन चला गया पर बचपना नही गया -
bharat gehlot
नेमत खुदा की है यह जिंदगी
नेमत खुदा की है यह जिंदगी
gurudeenverma198
सीपी सिंह दे रहे बधाई
सीपी सिंह दे रहे बधाई
Dhirendra Singh
आजादी  भी अनुशासित हो।
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्यार की खोज में
प्यार की खोज में
Shutisha Rajput
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
Rekha khichi
गलती पर फटकार
गलती पर फटकार
RAMESH SHARMA
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
कलम तो उठा ली,
कलम तो उठा ली,
Karuna Goswami
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
Neelofar Khan
देखिए बिना करवाचौथ के
देखिए बिना करवाचौथ के
शेखर सिंह
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
Ajit Kumar "Karn"
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कविता
कविता
Rambali Mishra
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
फर्जी
फर्जी
Sanjay ' शून्य'
हम मुहब्बत कर रहे थे........
हम मुहब्बत कर रहे थे........
shabina. Naaz
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
Ranjeet kumar patre
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
Rj Anand Prajapati
जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल
जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल
Namita Gupta
भक्त जन कभी अपना जीवन
भक्त जन कभी अपना जीवन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता
काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता
©️ दामिनी नारायण सिंह
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
Chaahat
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
😘वंदे मातरम😘
😘वंदे मातरम😘
*प्रणय*
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...