ग़म
हर किसी के चेहरे पर गम दिखता है
किसी के ज्यादा और किसी के कम दिखता है
यूं तो महफिले सज रही हैं
महफिलों को सजाने वाला ही बेरंग दिखता है।
हर किसी के चेहरे पर गम दिखता है..
माँ को फिक्र बेटे की ,
और बेटे को फिक्र अपने बेटे की,
यही दस्तूर बाजार में सरेआम बिकता है।
हर शख्स के चेहरे पर गम दिखता है…
महलों में रहने वालों के
दिल छोटा और चर्चे आम मिलेंगे
गरीब की कुटिया में एक फूल भी
अपनी अहमियत रखता है।
हर शख्स के चेहरे पर गम दिखता है..
अब भी संभल जाओ
और अपना एक मुकाम बना लो
बे बुनियाद जिंदगी का बड़ा तमाशा बनता है।
हर शख्स के चेहरे पर ग़म दिखता है….
हरमिंदर कौर
अमरोहा (यूपी)