ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए “ओश” ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए “ओश” साथ की उम्मीद, सिवा इज़ाफा कुछ नहीं करती। 🍂🥀