ग़मे इश्क में हूँ बीमार…..
ग़मे इश्क में हूँ बीमार……
// दिनेश एल० “जैहिंद”
गमे इश्क़ में हूँ बीमार, चले आइए ।।
रहम खाइए हे सरकार, चले आइए ।।
लरजते आँसू, धड़कते दिल ओ हम,,
सभी रहते अब बेक़रार, चले आइए ।।
हमें इस तरह ना सताइए ये हुज़ूर,
आइए-आइए इक बार, चले आइए ।।
दिन उदासियों में ओ रात अकेले कटे,
दिले आरज़ू है इस बार, चले आइए ।।
मिरे ख्वाबों के राजा, मेरे ओ बालम,
हैं आप ही हमारा प्यार, चले आइए ।।
इल्तिजा है आपसे तमन्ना है आपकी,
जरूरत तो है दो-चार, चले आइए ।।
खबर दे दो इनकार ना करो “जैहिंद”,
है अब आपको खबरदार, चले आइए ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
22. 06. 2017