Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2022 · 1 min read

ग़मगीन

किसलिए दिल को यूं ग़मगीन किए बैठे हो
किससे नाराज़ हो क्यों होंठ सिए बैठे हो

शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 1 Comment · 159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"समझाइश"
Dr. Kishan tandon kranti
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
Suryakant Dwivedi
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
पूर्वार्थ
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हमनें कर रखें थे, एहतराम सारे
हमनें कर रखें थे, एहतराम सारे
Keshav kishor Kumar
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
Sahityapedia
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
*साठ के दशक में किले की सैर (संस्मरण)*
*साठ के दशक में किले की सैर (संस्मरण)*
Ravi Prakash
हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
Dr fauzia Naseem shad
दिया है नसीब
दिया है नसीब
Santosh Shrivastava
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
सत्य कुमार प्रेमी
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
आकाश के सितारों के साथ हैं
आकाश के सितारों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
शराब का इतिहास
शराब का इतिहास
कवि आलम सिंह गुर्जर
सलाम
सलाम
Dr.S.P. Gautam
4688.*पूर्णिका*
4688.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
जब मुझको कुछ कहना होता अंतर्मन से कह लेती हूं ,
जब मुझको कुछ कहना होता अंतर्मन से कह लेती हूं ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
भिनसार हो गया
भिनसार हो गया
Satish Srijan
तू बढ़ता चल....
तू बढ़ता चल....
AMRESH KUMAR VERMA
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
-दीवाली मनाएंगे
-दीवाली मनाएंगे
Seema gupta,Alwar
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
■नापाक सौगात■
■नापाक सौगात■
*प्रणय*
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
!! रे, मन !!
!! रे, मन !!
Chunnu Lal Gupta
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
Rj Anand Prajapati
Loading...