ग़ज़ल _ सरहदों पर कहां भला जाए । श्रृद्धांजलि 😢
आदाब दोस्तों 🙏🌹
दिनांक _ 10/07/2024,,,
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शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह जी को शत शत नमन 🙏🌹
मगर शहीद ज़िंदा रहते हैं ,वो हमेशा हम सब के दरमियान रहेंगे।
श्रीमती स्मृति जी और माता जी को ईश्वर सब्र की ताकत दे ।
कुछ पंक्तियां लिखी है स्मृति बहन की तरफ से , पेश करती हूं ।
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#ग़ज़ल
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सरहदों पर कहां भला जाए ,
जो है जां बाज़ खुद चला जाए ।✨
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अश्क़ आँखों में रुक न पाएं अब,
दर्द दिल का नहीं कहा जाए ।✨
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मन घुमड़ता है दीद को उनकी ,
बिन पिया के नहीं जिया जाए ।✨
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इक तरफ़ ज़ख्म इक तरफ़ शुहरत,
फिर शहीदी पे नाज़ आ जाए ।✨
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देश के काम आ गए दिलबर ,
नाम अब फख्र से लिया जाए ।✨
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एक सैनिक की मैं अमानत हूं ,
मेरा भी मान अब किया जाए ।✨
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“नील” देती दुआ तुझे दुल्हन ,
रब तेरा हौसला बढ़ा जाए ।✨
✍️नील रूहानी ,,, 10/07/2024,,,
( नीलोफर खान)