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27 Jul 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !

आदाब दोस्तों 🌹🥰
दिनांक ( 27/07/2024)
÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
बह्र _ 2122 2122 212
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
काफ़िया _ आने__ रदीफ़ _ के लिए
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
🌷 गज़ल 🌷
1,,,
रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
ज़िन्दगी में इश्क़ पाने के लिये !!
2,,,
दूर हमसे क्यूँ चले जाते हो तुम !
पास बैठो मुस्कुराने के लिये !!
3,,,
आ भी जाओ देखने महबूब को !
जा रहे तुम फिर ज़माने के लिये !!
4,,,
शोर मत करना ,अभी सोये सनम !
बुलबुलों चुप हो , सुलाने के लिये!
5,,,
दिल मिला करते नहीं अहबाब के!
फायदा फिर क्या मिलाने के लिये !!
6,,,
ज़िन्दगी की प्यास भी खामोश है !
लब सिले हैं क्या छिपाने के लिये !!
7,,,
राह तकती रोज़ दरवाज़े पे यूँ !
आज का वादा निभाने के लिये !!
8,,,
बारिशों ने तोड़ दी दीवार अब !
कौन आयेगा बचाने के लिये !!
9,,,
कर दुआ हर शख्स की खातिर यहाँ !
‘नील’ गम क्यूं हैं , सताने के लिये !!

✍नील रूहानी,,,27/07/22,,,🍁
( नीलोफ़र खान )🍁

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