ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
बह्र __ 212 1222 212 1222
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गज़ल
1,,,
यूँ नज़र से तुम हमको ,किस तरह गिराओगे ,
आ गए तुम्हारे घर , कैसे अब भगाओगे ?
2,,,
उम्र भर सहारा बन , हम रहें तुम्हारे सँग ,
हमने जो किये एहसाँ ,वो भी क्या मिटाओगे ?
3,,,
खैर सब तेरी मर्ज़ी , जैसे जी सको जी लो ,
जो करोगे दुनिया में , वैसे फल ही पाओगे I
4,,,
दर्द जो समेटे थे , टूट कर गिरे सारे ,
बिखरे बिखरे दर्दों को, क्या समेट लाओगे ?
5,,,
दुख के सारे बादल भी ,छट चुके हैं अब दिलबर,
‘नील’ तुम बताओगे , या सभी छिपाओगे ?
✍नील रूहानी ,,,,03/07/2024,,,
( नीलोफर खान )