Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾

एक ताज़ा #ग़ज़ल
दिनांक _ 01/07/2024,,,
बह्र _ 122 122 122 122,,,
🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾
1,,
गई अब वो गर्मी , ये आई बहारें ,
हवा नर्म है और रिमझिम फुहारें।
2,,
मज़ा ज़िंदगी का मिला है सभी को ,
सुकूं हाथ आया वो तन मन निखारें।
3,,
खिले गुल नशीले , हसीं है ये मौसम ,
हरे पेड़ पौधों को सब ही निहारें ।
4,,
परिंदों के पर भी तो भीगे हुए हैं ,
मगर उड़ रहे साथ उड़ते नज़ारें ।
5,,
उधर मौज मस्ती का आलम दिखे है ,
इधर “नील” देखे , हज़ारों शरारें ।

✍️नील रूहानी,,, 01/07/2024,,,
(नीलोफर खान)
🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾

62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब भी दिल का
जब भी दिल का
Neelam Sharma
4769.*पूर्णिका*
4769.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भोर सुनहरी
भोर सुनहरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
अपने मां बाप की कद्र करते अगर
अपने मां बाप की कद्र करते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
वो आँखें
वो आँखें
Kshma Urmila
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Anamika Tiwari 'annpurna '
"जिद और जुनून"
Dr. Kishan tandon kranti
इस नये दौर में
इस नये दौर में
Surinder blackpen
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
जामुन
जामुन
शेखर सिंह
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
#हम_तुम❣️
#हम_तुम❣️
Rituraj shivem verma
"सम्वेदनशीलता"
*प्रणय*
नवगीत - बुधनी
नवगीत - बुधनी
Mahendra Narayan
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
मन मेरा क्यों उदास है.....!
मन मेरा क्यों उदास है.....!
VEDANTA PATEL
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
एतबार
एतबार
Davina Amar Thakral
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
Neelofar Khan
मेरे अंदर भी इक अमृता है
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
* धरा पर खिलखिलाती *
* धरा पर खिलखिलाती *
surenderpal vaidya
Stop use of Polythene-plastic
Stop use of Polythene-plastic
Tushar Jagawat
तुम्हे वक्त बदलना है,
तुम्हे वक्त बदलना है,
Neelam
Loading...