ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
एक ताज़ा #ग़ज़ल
दिनांक _ 01/07/2024,,,
बह्र _ 122 122 122 122,,,
🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾
1,,
गई अब वो गर्मी , ये आई बहारें ,
हवा नर्म है और रिमझिम फुहारें।
2,,
मज़ा ज़िंदगी का मिला है सभी को ,
सुकूं हाथ आया वो तन मन निखारें।
3,,
खिले गुल नशीले , हसीं है ये मौसम ,
हरे पेड़ पौधों को सब ही निहारें ।
4,,
परिंदों के पर भी तो भीगे हुए हैं ,
मगर उड़ रहे साथ उड़ते नज़ारें ।
5,,
उधर मौज मस्ती का आलम दिखे है ,
इधर “नील” देखे , हज़ारों शरारें ।
✍️नील रूहानी,,, 01/07/2024,,,
(नीलोफर खान)
🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾🌹🌾