ग़ज़ल
आसमां तेरा मैं तू मेरी ज़मीं है।
तू जमाने में किसी से कम नहीं है।
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हर तरफ हर सिम्त मेरे रूबरू।
मैं जहां भी देखता हूं तू वहीं है।
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कोई देखे तुझको देखे हर घड़ी वो ।
बा खुदा तू खूबसूरत है हसीं है।
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चूमने को हर कोई बेताब जो है।
तेरी पेशानी बड़ी नाजुक जबीं है।
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हर कोई तुझ पर निछावर हो रहा जो।
तू बड़ी दिलकश हसीं है नाज़नी है।
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छोड़कर जाना नहीं उसको सगीर।
वो मिरे दिल के महल का ही मकीं है।