Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

आसमां तेरा मैं तू मेरी ज़मीं है।
तू जमाने में किसी से कम नहीं है।

❤️
हर तरफ हर सिम्त मेरे रूबरू।

मैं जहां भी देखता हूं तू वहीं है।
❤️

कोई देखे तुझको देखे हर घड़ी वो ।
बा खुदा तू खूबसूरत है हसीं है।
❤️
चूमने को हर कोई बेताब जो है।

तेरी पेशानी बड़ी नाजुक जबीं है।
❤️

हर कोई तुझ पर निछावर हो रहा जो।
तू बड़ी दिलकश हसीं है नाज़नी है।

❤️
छोड़कर जाना नहीं उसको सगीर।

वो मिरे दिल के महल का ही मकीं है।

Language: Hindi
26 Views

You may also like these posts

Hey....!!
Hey....!!
पूर्वार्थ
हम जियें  या मरें  तुम्हें क्या फर्क है
हम जियें या मरें तुम्हें क्या फर्क है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वैश्विक परिवर्तन में मीडिया की भूमिका
वैश्विक परिवर्तन में मीडिया की भूमिका
Sudhir srivastava
कर डाली हड़ताल
कर डाली हड़ताल
RAMESH SHARMA
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
$úDhÁ MãÚ₹Yá
आग और धुआं
आग और धुआं
Ritu Asooja
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
बदला है
बदला है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"कंचे का खेल"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कौन कहता है वो ठुकरा के गया
कौन कहता है वो ठुकरा के गया
Manoj Mahato
18 असुध
18 असुध
Lalni Bhardwaj
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय*
आंगन
आंगन
श्याम सांवरा
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
4491.*पूर्णिका*
4491.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फूल का मुस्तक़बिल
फूल का मुस्तक़बिल
Vivek Pandey
सब्र का बांँध यदि टूट गया
सब्र का बांँध यदि टूट गया
Buddha Prakash
एक पेड़ की पीड़ा
एक पेड़ की पीड़ा
Ahtesham Ahmad
किसी ने खुशी लौटाया किसी ने राहत
किसी ने खुशी लौटाया किसी ने राहत
नूरफातिमा खातून नूरी
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
मनोज कर्ण
"शाम की प्रतीक्षा में"
Ekta chitrangini
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
Neeraj Agarwal
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे  जिससे हर य
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे जिससे हर य
RAMESH Kumar
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
Sonam Puneet Dubey
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...