Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
करे तारीफ़ सुनकर मन फ़साने नेक आदत के/1

गिराना तो बहुत आसान होता है किसी को भी
उठाओ तो तुम्हें जानें करें चर्चें लियाक़त के/2

हमेशा ही हुआ करते यहाँ घायल सुना हमने
मुहब्बत और चाहत से किये वादे शराफ़त के/3

मिला मेहनत का है मुझको नतीज़ा बस यही प्यारे
टले हैं ज़िन्दगी से दिन कहूँगा सच क़यामत के/4

छुड़ा लोगे मुझे तुम यार मैं ये जानता हूँ सब
तुम्हारे पास हैं सच्चे सभी क़ाग़ज़ ज़मानत के/5

भुला सकता नहीं हूँ मैं तुम्हारे प्यार की क़ीमत
दिए तुमने मुझे हँसकर सदा ही दिन हिफाज़त के/6

मिरे ‘प्रीतम’ मुझे तुमसे मुहब्बत है हक़ीक़त में
लुटा दूँ जान देकर पल कभी देखो तो ख़िदमत के/7

शब्दार्थ- फ़साने- किस्से, लियाक़त- हुनर/जौहर/गुण/विशेषता

#सर्वाधिकार आर.एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 108 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
3109.*पूर्णिका*
3109.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हो गई है भोर
हो गई है भोर
surenderpal vaidya
दीपक सरल के मुक्तक
दीपक सरल के मुक्तक
डॉ. दीपक बवेजा
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कर्मठ बनिए
कर्मठ बनिए
Pratibha Pandey
मन की परतों में छुपे ,
मन की परतों में छुपे ,
sushil sarna
अंदाज़
अंदाज़
Ragini Kumari
तुम क्या आए
तुम क्या आए
Jyoti Roshni
तुमको  खोया  नहीं गया हमसे।
तुमको खोया नहीं गया हमसे।
Dr fauzia Naseem shad
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*ज़िन्दगी का सार*
*ज़िन्दगी का सार*
Vaishaligoel
मन
मन
Ajay Mishra
SP53 दौर गजब का
SP53 दौर गजब का
Manoj Shrivastava
किसी को इतना भी प्यार मत करो की उसके बिना जीना मुश्किल हो जा
किसी को इतना भी प्यार मत करो की उसके बिना जीना मुश्किल हो जा
रुचि शर्मा
इतना बेबस हो गया हूं मैं
इतना बेबस हो गया हूं मैं
Keshav kishor Kumar
मत्तगयंद सवैया
मत्तगयंद सवैया
जगदीश शर्मा सहज
गृहस्थ आश्रम
गृहस्थ आश्रम
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
चालाक क्रोध
चालाक क्रोध
अवध किशोर 'अवधू'
अनंत आकाश
अनंत आकाश
Chitra Bisht
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
Ajit Kumar "Karn"
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
" रतजगा "
Dr. Kishan tandon kranti
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
लिखने के आयाम बहुत हैं
लिखने के आयाम बहुत हैं
Shweta Soni
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
लाख तूफ़ान आए, हिम्मत हारना मत ।
लाख तूफ़ान आए, हिम्मत हारना मत ।
Neelofar Khan
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
Loading...