Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

ताल-बेताल से निभाती हूँ,
मैं वो नादां जहां से आती हूँ।

है ख्यालों के सब परिंदें जो,
आज उनको चलो उड़ाती हूँ।

क़ायदे छोड़ मन चला अपनी,
वो जो राहें मैं खुद बनाती हूँ।

मुफलिसी छोड़ती नहीं पीछा,
रेत के रोज़ घर सजाती हूँ

आँख नम होंठ मुस्कुराते हैं
गम को जब भी कभी छुपाती हूँ।

देखती हँस के ज़िंदगी जब भी,
गीत उसको नया सुनाती हूँ।

संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर ( राज.)

81 Views

You may also like these posts

दुनिया की बुनियाद
दुनिया की बुनियाद
RAMESH SHARMA
* खुश रहना चाहती हूँ*
* खुश रहना चाहती हूँ*
Vaishaligoel
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
हिंदी दोहे -कदंब
हिंदी दोहे -कदंब
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" from 2024 will be the quietest era ever for me. I just wan
पूर्वार्थ
कभी भी व्यस्तता कहकर ,
कभी भी व्यस्तता कहकर ,
DrLakshman Jha Parimal
यह ख्वाब
यह ख्वाब
Minal Aggarwal
मैं जिन्दगी में
मैं जिन्दगी में
Swami Ganganiya
बेवजह की नजदीकियों से पहले बहुत दूर हो जाना चाहिए,
बेवजह की नजदीकियों से पहले बहुत दूर हो जाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विषय: विरहा की बरसात।
विषय: विरहा की बरसात।
Priya princess panwar
" शाम "
Dr. Kishan tandon kranti
कसौटी जिंदगी की
कसौटी जिंदगी की
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*हिंदी दिवस मनावन का  मिला नेक ईनाम*
*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ना मालूम क्यों अब भी हमको
ना मालूम क्यों अब भी हमको
gurudeenverma198
2534.पूर्णिका
2534.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हमें खतावार कह दिया है।
हमें खतावार कह दिया है।
Taj Mohammad
#तू वचन तो कर
#तू वचन तो कर
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सुखराम दास जी के कुंडलिये
सुखराम दास जी के कुंडलिये
रेवन्त राम सुथार
खिंची लकीर पर चलना
खिंची लकीर पर चलना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Carry me away
Carry me away
SURYA PRAKASH SHARMA
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
भुला के बैठे हैं
भुला के बैठे हैं
Dr fauzia Naseem shad
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
एक आहट
एक आहट
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दया धर्म का मूल है
दया धर्म का मूल है
Sudhir srivastava
दोहा पंचक. . . सागर
दोहा पंचक. . . सागर
sushil sarna
हमसफर की आहट
हमसफर की आहट
Shutisha Rajput
हम भारिया आदिवासी
हम भारिया आदिवासी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आँखें (गजल)
आँखें (गजल)
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
Loading...