Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2023 · 3 min read

बाल कविताएं -डॉ. जियाउर रहमान जाफ़री

बाल कविताएं
—————–
-डॉ. जियाउर रहमान जाफ़री

1.कहो साइकिल ट्रॉफी पाओ
——————————-

बोलो ऐसी कौन सवारी
दिखती भी हो प्यारी- प्यारी

नहीं कभी पेट्रोल वो खाये
इधर-उधर पर आए-जाये

घंटी जिसकी टन टन बजती
कदम कदम जो चलती रहती

पायडिल जितना तेज घुमाएं
उतना आगे बढ़ते जाएं

नहीं जरा भी धुआं यहां पर
नहीं तेल का कुआं यहां पर

घट जाती है इससे दूरी
योगा में भी बहुत जरूरी

नहीं ट्रैफिक का डर इसमें
बस दो छोटी टायर इसमें

नहीं जगह भी ज्यादा लेती
सबको रास्ते ये दे देती

खर्च नहीं भी कुछ ज्यादा है
नहीं है खतरा यह वादा है

कहां कभी कुछ पीती खाती
लेकर सिर्फ हवा रह जाती

हैंडल जैसे जिधर घुमायें
हम उस जानिब ही बढ़ जायें

है कितने यह रंगों वाली
लाल, हरी, पीली और काली

नाम अब इसका तुम बतलाओ
कहो साइकिल ट्रॉफी पाओ
———————————–

2.पापा आते
———–

जब दफ़्तर से पापा आते
कितनी सारी चीज़ें लाते

कभी वो लाते काजू बर्फ़ी
कभी वो लेकर आयें कुल्फी

देते लाकर मुझको पेड़ा
सेब मुसम्मी अमरुद केला

घूमने मुझको वो ले जायें
कार भी देखो खुद से चलायें

जहां पे चाहें हम रुक जाते
खींचते फोटो ख़ुशी मनाते

पापा हैं तो मस्ती होती
चीज़ें सारी अच्छी होती

पर मुश्किल वो कम ही आते
कब दफ्तर से छुट्टी पाते
——————————-

3.दादी भी स्मार्ट हुईं

बदल गया है और जमाना
बदल गई हैं दादी भी
पहले वाली नहीं है बंदिश
मिली उन्हें आजादी भी

दादी हंसकर सेल्फी लेती
पोस्ट उसे फिर करती हैं
लाखों लाइक करते उनको
खूब फ्रेश वो रहती हैं

एटीएम में जाकर दादी
पैसे खुद ले आती हैं
और मोबाइल से खुद ही वह
बिजली बिल कटवाती हैं

दौर आज का जैसे बदला
दादी भी स्मार्ट हुईं
मॉल में जाकर शॉपिंग करतीं
नये भारत का पार्ट हुईं
…………………….
4.सॉरी बोला

इक बच्चे में थी बदमाशी
मिलती कैसे फिर शाबाशी

स्कूल जब भी वो जाता था
कुछ ना कुछ वह कर आता था

कभी फूल को तोड़े जाकर
फेक दे जूठे बाहर खाकर

डेस्क पे क्या-क्या लिख देता था
नाम न खुद का वो लेता था

ब्लैक बोर्ड भी गंदा कर दे
फेक के पानी गीला कर दे

बैंच को पटके कुछ वो ऐसे
उसकी चीज नहीं हो जैसे

इक दिन टीचर ने समझाया
उसको अपने पास बुलाया

स्कूल की ये चीजें सारी
जो भी है हर चीज हमारी

बच्चा जाकर फिर मुंह खोला
और टीचर से सॉरी बोला
————————
5.हैप्पी बर्थ डे चलो मनायें
—————————-

आज कहीं भी हम न जायें
हैप्पी बर्थ डे चलो मनायें

ज़ेबा लेकर केक तुम आओ
कैंडिल टोपी भूल न जाओ

जल्दी से बुक होटल कर लो
हमें ख़ुशी में ये पल कर लो

मम्मी पापा भैया दीदी
ज़रा करो न तुम भी जल्दी

सोनू मोनू रौशन आओ
आज ख़ुशी में सब मिल जाओ

लो सारे अब हुए इकट्ठे
कितने दिलकश हैं ये लम्हे

हैप्पी बर्थ डे गीत बजे हैं
और हम सब भी गाने लगे हैं

सबने खाये केक यहां पर
मीठापन है सबकी ज़बां पर

चलो ज़रा अब सब चुप हो लें
पहले अपनी गिफ्ट तो खोलें

हैं कितनी सब चीज़ें प्यारी
हो जाती सब काश हमारी

दोस्तों को हम सब दिखलाते
कुछ ज़्यादा ही बोल के आते
————————————
6.भाभी आई

चंदा ने जब शादी रचाई
दुल्हन बनकर चांदनी आई

हुए बराती तारे सारे
आसमान के प्यारे- प्यारे

बादल ने किया ढोल बजाया
लिए रोशनी सूरज आया

बारातों में पहले आकर
चमकी बिजली खुशी मनाकर

गीत गई कोयल ने गाये
मोर ने अपने नाच दिखाए

बारिश बर्फ़ में ढल कर पहुंची
कपड़े नये बदलकर पहुंची

चांद को दी फिर सबने बधाई
चांदनी जैसी भाभी आई
———————————
7.नहीं प्लास्टिक यूज करेंगे

क्यों सब को कंफ्यूज करेंगे
नहीं प्लास्टिक यूज करेंगे

पॉलिथीन में जो आता है
कब मिट्टी में गल पाता है

उपजाऊ जो ज़मीं न होगी
खा कर क्या फिर भूख मिटेगी

नहीं अगर जो पेड़ रहेगा
कौन सांस फिर कैसे लेगा

है सेहत भी बहुत जरूरी
बिन इसके सब बात अधूरी

गुटखा खैनी या मद्य पीना
लिए बीमारी सैकड़ों जीना
———————————-
8.मम्मी को

मम्मी को कुछ समझ ना आती
जब वह शॉपिंग करने जाती

कभी ढंग की चीज न लाएं
फिर बेमतलब क्यों वह जाएं

लाने कपड़े जब जाती हैं
बड़ा उठाकर ले आती हैं

उन्हें पता है मैं छोटा हूं
नहीं मैं इतना भी मोटा हूं

मुझको वह तो अट न आए
पांव से बाहर तक हो जाए

तब कहती वह बनकर चालू
अगले साल पहनना शालू

अब इनको यह कौन बताए
किसको फुर्सत है समझाए

सब कपड़े जब बड़े रहेंगे
हम पार्टी में कहां चलेंगे
—————————————–

Language: Hindi
100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझको आँखों में बसाने वाले
मुझको आँखों में बसाने वाले
Rajender Kumar Miraaj
शब की रातों में जब चाँद पर तारे हो जाते हैं,
शब की रातों में जब चाँद पर तारे हो जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विरह वेदना फूल तितली
विरह वेदना फूल तितली
SATPAL CHAUHAN
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
Neeraj Agarwal
" चाँद "
Dr. Kishan tandon kranti
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
Sanjay ' शून्य'
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
जीवन  आगे बढ़  गया, पीछे रह गए संग ।
जीवन आगे बढ़ गया, पीछे रह गए संग ।
sushil sarna
That poem
That poem
Bidyadhar Mantry
मन को दीपक की भांति शांत रखो,
मन को दीपक की भांति शांत रखो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
पतझड़
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
" गप्प लिय मोदी सं आ टाका लिय बाइडन सं "
DrLakshman Jha Parimal
बसंत
बसंत
Lovi Mishra
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
बच्चों की ख्वाहिशों का गला घोंट के कहा,,
बच्चों की ख्वाहिशों का गला घोंट के कहा,,
Shweta Soni
ढलती उम्र -
ढलती उम्र -
Seema Garg
एक दूसरे को समझो,
एक दूसरे को समझो,
Ajit Kumar "Karn"
Insaan badal jata hai
Insaan badal jata hai
Aisha Mohan
🌷*
🌷*"आदिशक्ति माँ कूष्मांडा"*🌷
Shashi kala vyas
3755.💐 *पूर्णिका* 💐
3755.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
भारत की सेना
भारत की सेना
Satish Srijan
देहरीहीन दौर
देहरीहीन दौर
पूर्वार्थ
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
शेखर सिंह
" अकाल्पनिक मनोस्थिति "
Dr Meenu Poonia
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
गीत- तुम्हारा साथ दे हरपल...
गीत- तुम्हारा साथ दे हरपल...
आर.एस. 'प्रीतम'
■एक शेर और■
■एक शेर और■
*प्रणय*
कितना दर्द सिमट कर।
कितना दर्द सिमट कर।
Taj Mohammad
Loading...