Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2022 · 1 min read

ग़ज़ल –

आँखों का भी मौसम रोज बदलता है
देख ज़माना इक दूजे को चलता है

बंजर कही, कहीं हरियाली होती है
मन का बादल जैसे जहाँ पिघलता है

लोग आईना एक दूजे के होते हैं
सच जो देखे आगे वहीं निकलता है

ख़ुद की क़ीमत जो पहचाने इंसा वो
कंचन के साँचे में इक दिन ढ़लता है

वहीं अंधेरा दूर करे इस दुनिया का
बिना स्वार्थ जो दीपक जैसा जलता है

भाँति -भाँति के पेड़ बाग में होते हैं
मगर वही भाता है जो कि फलता है

कभी नही सुख पाता है वो जीवन में
जो अपनों को महज़ झूठ से छलता है

Language: Hindi
1 Like · 320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahendra Narayan
View all

You may also like these posts

बढ़ती हुई समझ
बढ़ती हुई समझ
शेखर सिंह
अतीत - “टाइम मशीन
अतीत - “टाइम मशीन"
Atul "Krishn"
वर्तमान का सोशल मीडिया अच्छे अच्छे लोगो को बाजारू बना दिया ह
वर्तमान का सोशल मीडिया अच्छे अच्छे लोगो को बाजारू बना दिया ह
Rj Anand Prajapati
कोई नयनों का शिकार उसके
कोई नयनों का शिकार उसके
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरे ख्वाब ।
मेरे ख्वाब ।
Sonit Parjapati
4631.*पूर्णिका*
4631.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे मनुष्य बड़ा लोभी है तू
हे मनुष्य बड़ा लोभी है तू
Vishnu Prasad 'panchotiya'
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
अवध में फिर से आये राम ।
अवध में फिर से आये राम ।
अनुराग दीक्षित
" वो क़ैद के ज़माने "
Chunnu Lal Gupta
चन्द्रयान-3
चन्द्रयान-3
कार्तिक नितिन शर्मा
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमारा चंद्रयान
हमारा चंद्रयान
अरशद रसूल बदायूंनी
कहल झूठ हमर की ?
कहल झूठ हमर की ?
श्रीहर्ष आचार्य
हायकू
हायकू
Santosh Soni
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
2020
2020
Naushaba Suriya
"" *भारत माता* ""
सुनीलानंद महंत
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
*Maturation*
*Maturation*
Poonam Matia
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“सोच खा जाती हैं”
“सोच खा जाती हैं”
ओसमणी साहू 'ओश'
विद्या का आलय:पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय धर्मशाला छावनी
विद्या का आलय:पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय धर्मशाला छावनी
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आशा का दीप
आशा का दीप
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
* जिंदगी की दौड़ *
* जिंदगी की दौड़ *
Vaishaligoel
जिक्र
जिक्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
Shashi kala vyas
तेरा मेरा नाता
तेरा मेरा नाता
Akash RC Sharma
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
Rambali Mishra
Loading...