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23 Sep 2021 · 1 min read

ग़ज़ल (प्रेमक बरसै फुहार)

ग़ज़ल

प्रेमक बरसै फुहार
जेना हम भीजैत छी

अहाँक चौअनियाँ मुस्की देखी
केहेन मगन सँ हम जीबैत छी

अहाँक कारी-कारी नैन
किएक हमरा करै बेचैन

अहिं हमरदम मोन परि
हमरा की भेल ने जानि?

अहाँक सोलहो सिंगार देखी
केहेन मगन सँ हम जीबैत छी

तकैत छी केना, जेना चंदा-चकोर
हमरा करेजा मे, उठल हिलकोर

आस्ते-आस्ते बाजू, जुनि करू अहाँ शोर
लोक कनफुसकी करत, भ गेलै भोर

आब कतेक कहू अहाँ के
प्रेम अहिं सँ हम करैत छी

हमरा प्रेम के बुझहब कहिया?
अहिं लेल हम जीबैत छी

शायर- किशन कारीगर
(कॉपीराइट@ सर्वाधिकार सुरक्षित)

Language: Maithili
1 Like · 366 Views
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