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26 May 2020 · 1 min read

छंदमुक्त कविता

कभी इन्कार करता है कभी इकरार करता है
कभी प्यार करता है कभी तकरार करता है

आदमी का स्वभाव तो होता ही है ऐसा
छोटी सी जिंदगी में गलती बेशुमार करता है

जो खुद पूरा न कर पाए जीवन में अपने
वो ख्वाहिशे अपने बच्चों से उधार करता है

अंजाने में बहुत गलती होती रहती हैं हमसे
ज़माने बाद भी वो दिल को शर्मसार करता है

रात का सपना तो केवल सपना ही रहता है
नींद उड़ा के करें संघर्ष सपना साकार होता है

खुशी में खुदा कम ही याद आते हैं “नूरी”
मुश्किलें आती दिल खुदा को पुकार करता है।

नूरफातिमा खातून “नूरी,”
26/5/2020

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 307 Views
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