Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

आप नुकसान दें चाहे दे दें नफा।
सामने पर तुम्हारे ये सिर है झुका।।

मान जाओ जरा रुक भी जाओ कभी।
दे रहे हैं तुम्हे प्यार का वास्ता।।

देख लेगा कोई रोज कहती हो ये।
गर खता है यही तो करेंगे सदा।।

हो गई है मुहब्बत सुनो गौर से।
जुर्म है ये अगर तो सुना दो सज़ा।।

बोल देती हो तुम दूसरा ढूंढ लो।
कोई जंचता ही कब है तुम्हारे सिवा।।

पूछती हो अगर क्या हुआ है मुझे।
दर्द भी हो तुम्हीं और तुम ही दवा।।

गोपाल पाठक”कृष्णा”
बरेली, उप्र

342 Views

You may also like these posts

" सुबह की पहली किरण "
Rati Raj
जीवन एक संघर्ष....
जीवन एक संघर्ष....
Shubham Pandey (S P)
वक्त वक्त की बात है ,
वक्त वक्त की बात है ,
Yogendra Chaturwedi
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
जग में सबसे प्यारा है ये,अपना हिंदुस्तान
जग में सबसे प्यारा है ये,अपना हिंदुस्तान
Dr Archana Gupta
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
GK88 là nền tảng cá cược trực tuyến uy tín, được đánh giá ca
GK88 là nền tảng cá cược trực tuyến uy tín, được đánh giá ca
gk88newdigital
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कान्हा भक्ति गीत
कान्हा भक्ति गीत
Kanchan Khanna
24. इल्जाम
24. इल्जाम
Rajeev Dutta
संसार
संसार
Dr. Shakreen Sageer
3344.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3344.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
सजनी तेरी बात चली तो धूप चांदनी बन मुसकाई।
सजनी तेरी बात चली तो धूप चांदनी बन मुसकाई।
Kumar Kalhans
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sonu sugandh
बेटियाँ
बेटियाँ
Raju Gajbhiye
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
प्रकृति के पाठ
प्रकृति के पाठ
Indu Nandal
कविता
कविता
Sushila joshi
दिनांक,,,11/07/2024,,,
दिनांक,,,11/07/2024,,,
Neelofar Khan
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जागरण के पाठ।
जागरण के पाठ।
Acharya Rama Nand Mandal
चलो चलो शिव के दरबार
चलो चलो शिव के दरबार
gurudeenverma198
पावन हो नव वर्ष
पावन हो नव वर्ष
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बाकी है...
बाकी है...
Manisha Wandhare
अल्फाज (कविता)
अल्फाज (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
पूर्वार्थ
मानसिक स्वास्थ्य
मानसिक स्वास्थ्य
Mamta Rani
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
Chaahat
कुछ दोहे
कुछ दोहे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...