Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

#बह्र ? #बहरे_रजज_मख्बून_मरफू_मुखल्ला
#वज़्न ? १२१२ २१२ १२२ १२१२ २१२ १२२
#मुफाइलुन_फ़ाइलुन_फऊलुन_मुफाइलुन_फ़ाइलुन_फऊलुन
#काफ़िया ? ‘ ई ‘
#रदीफ़ ? ‘ है’
#रचना ? _______________________________________________

ग़ज़ब ग़ज़ब है ये हुस्न तेरा, ग़ज़ब सनम तेरी सादगी है।
ग़ज़ब ग़ज़ब हैं ये झील आंखें ग़ज़ब ये जुल्फों की बानगी है।

ये सुर्ख गालों की खूब जोड़ी, नशे में लबरेज होंठ तेरे।
उठा के पलकों को मुस्कुराना गिराना बिजली भी लाज़मी है।

छनकती पाजेब जब भी तेरी, उदास दिल को सुकून मिलता।
तेरे ही हाथों में जान मेरी तू ही सनम मेरी दिल्लगी है।

तू इश्क़ का जैसे हो समन्दर मैं पास होकर भी तड़फड़ाऊं।
मिठास का स्वाद जैसे गूंगा, बता न पाऊं क्या बेबसी है।

तेरे ही साये में बीते हर पल ज़हर जुदाई न पी सकूंगा।
“सचिन” की बस इतनी इल्तिज़ा है, ऐ जाने जां तुझसे आशिक़ी है।।
______________________________________________

पूर्णतः स्वरचित, स्वप्रमाणित व अप्रकाशित

रचनाकार का पूरा नाम: पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
शहर का नाम : मुसहरवा (मंशानगर) पश्चिमी चम्पारण
बिहार

2 Likes · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

सत्य सत्य की खोज
सत्य सत्य की खोज
Rajesh Kumar Kaurav
मरने के बाद करेंगे आराम
मरने के बाद करेंगे आराम
Keshav kishor Kumar
त
*प्रणय*
3051.*पूर्णिका*
3051.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निर्णय आपका
निर्णय आपका
Mahender Singh
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
Bodhisatva kastooriya
कौन हो तुम मेरे?
कौन हो तुम मेरे?
Jyoti Roshni
"तू मीरा दीवानी"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई
Basant Bhagawan Roy
कनेक्शन
कनेक्शन
Deepali Kalra
कलयुग के बाजार में
कलयुग के बाजार में
gurudeenverma198
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
प्रगतिशीलता का पैमाना
प्रगतिशीलता का पैमाना
Dr MusafiR BaithA
राम जैसा मनोभाव
राम जैसा मनोभाव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सुहागिनें
सुहागिनें
Shweta Soni
वक्त का क्या है
वक्त का क्या है
Surinder blackpen
भाई दोज
भाई दोज
Ram Krishan Rastogi
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
पं अंजू पांडेय अश्रु
-गलतिया -
-गलतिया -
bharat gehlot
कौड़ी के भाव ले के दुआ
कौड़ी के भाव ले के दुआ
अरशद रसूल बदायूंनी
मन
मन
Happy sunshine Soni
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
Subhash Singhai
जीने केक् बहाने
जीने केक् बहाने
Sudhir srivastava
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
सूर्य की उपासना
सूर्य की उपासना
रुपेश कुमार
फर्क पड़ता है!!
फर्क पड़ता है!!
Jaikrishan Uniyal
हटा लो नजरे तुम
हटा लो नजरे तुम
शेखर सिंह
मुस्कुराना सीख लिया !|
मुस्कुराना सीख लिया !|
पूर्वार्थ
विराट सौंदर्य
विराट सौंदर्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
तेरी ये बिंदिया
तेरी ये बिंदिया
Akash RC Sharma
Loading...