ग़ज़ल
कभी कभी खुद को यूं समझाना चाहिए।
सोच समझ कर दिल कहीं लगाना चाहिए।
कुछ लोग समझते हैं खुद को ही भग्वान;
आइना उनको भी कभी दिखाना चाहिए।
आएगी इक दिन तो असलियत सामने ;
नेक राह पर ही बड़ते जाना चाहिए।
कर लो जो वादा खुद से तुम तो;
जी-जान से उसे फिर निभाना चाहिए।
जाने कितने दिन हैं ज़िन्दगानी के फिर;
जीवन को यूंही न गंवाना चाहिए।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !