ग़ज़ल
ग़ज़ल
यें भी इस वक्त का इशारा है।
बदल रहा वक्त अब हमारा है।
रख विश्वास उस पर -ए-बंदें !
उसने हर एक को संवारा है।
न होना निराश जीवन में कभी।
वो ही हर हारे का सहारा है।
हो खड़ा मुल्क़ की सेवा को तू।
अब तुझे मुल्क़ ने पुकारा है।
है मौका दिखा दें जोश-ए-जुनूं।
अवसर मिलता नही यें दुबारा है।
मिट भी जाए इसके लिए -ए-सुधा।
जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा है।
सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड