ग़ज़ल
मोहब्बत में वो मुकाम आ गया है
अपने भी हाथों में जाम आ गया है
कल तक बसाया था दिल में जिसे
रकीबों में उसका नाम आ गया है
कल ही गया था बेटा फौज में
आज देश के काम आ गया है
बचपन से जिसके ख्वाब देखे थे
अपने हिस्से वो बाम आ गया है
कहते हैं जिसको फलों का राजा
आजकल बाजार में आम आ गया है