ग़ज़ल
इस दिल ने किया प्यार पहली बार आप से
हाल ए दिल नज़रें कह रही दिलदार आपसे।
न तो तुम हमें न हम तुम्हें पहचानते ही थे
नज़र नज़र में हुआ इश्क का इजहार आपसे।
करके कुबूल वो गुलाब सुर्ख आपका
दिल ने किया था प्यार का इक़रार आपसे।
हर महफ़िल में ढूंढे तुझे ही दिल ये मेरा
आंखें कर रही हैं इश्क बार-बार आप से।
मिले हर जनम में तेरा साथ मुझको
कभी बिछड़े नहीं मेरा प्यार आपसे।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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