ग़ज़ल
—–ग़ज़ल—-
गर निगाहों में “””””प्यार आएगा
दर्दे दिल””””” बेशुमार आएगा
होश कर लो “”” जरा ऐ दीवानों
रंज और दुख “”””हजार आएगा
रात दिन “””अश्क़ ही बहेंगे जब
कैसे दरिया”””” से पार आएगा
तुम करोगे “””तो इंतजार मियाँ
वो कहीं दिल “””को हार आएगा
चाहे जितना दिलाओ गे लेकिन
उसको ना “””””ऐतबार आएगा
तुम तड़पते “””रहोगे ऐ “प्रीतम”
पर न वो”””” ग़मगुसार आएगा
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)