ग़ज़ल- होश में आयेगा कौन (राना लिधौरी)
ग़ज़ल- होश में लायेगा कौन-
सब यहाँ बेहोश है तो होश में लाएगा कौन।
पश्चिमी हवा तेज़ है भारतीय संस्कृति बचाएगा कौन।।
पाप अपना छिपाने को उसे यूँ ही छोड़ दिया।
देर से सिसक रहा है वो उसे अब उड़ाएगा कौन।।
देश गुलामी में जकड़ा हुआ कर्ज़ बढ़ता जा रहा।
रावणों का शासन है, राम राज्य लाएगा कौन।।
ताउम्र तूने पाप किये बद्दुआ लोगों की ली।
चंद दिनों की इबादत से जन्नत तुझे पहुँचाएगा कौन।।
फाइल टेबिल पे पड़ी,धूल खाकर मोटी हो रही।
दक्षिणा के बिना ‘राना’ फाइल आगे सरकाएगा कौन।।
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-86 पेज-94 से साभार