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26 May 2021 · 1 min read

ग़ज़ल- (हम ज़माने के लिए) राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’, टीकमगढ़

ग़ज़ल- हम ज़माने के लिए

दीजिए थोड़ी सी जगह अपने इस दीवाने के लिए।
अजनबी से हो गये है हम ज़माने के लिए।।

तूने आंखों से पिला दी ये कैसी मुझको शराब।
अब नहीं बढ़ते क़दम मैखा़ना जाने के लिए।।

तु अगर करदे करम तो क्या बुरा हो जायेगा।
इक नज़र काफी है तेरी ग़म मिटाने के लिए।।

मुस्कुराते हो सरे बाज़ार हमको देखकर।
है अदाये आपकी हमको लुभाने के लिए।।

मिल गई उनसे नज़र ख़ामोश ‘राना’ हो गए।
कुछ नहीं बाक़ी रहा अब आज़माने के लिए।।
***
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com

2 Likes · 2 Comments · 255 Views
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