Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2019 · 1 min read

ग़ज़ल- रोटी और मकान नहीं है

ग़ज़ल- रोटी और मकान नहीं है
□■□■□■□■□■□
रोटी और मकान नहीं है
जीवन यह आसान नहीं है

खुद की बदहाली पर सोचो
रोता कौन किसान नहीं है

फुटपाथों पर सोने वाला
बोलो क्या इंसान नहीं है?

रोजी-रोटी ढूँढ रहा जो
वह कोई नादान नहीं है

चूल्हे में है आग भले पर
चावल और पिसान नहीं है

हाय कुपोषित बच्चों में तो
लगती जैसे जान नहीं है

भीख माँगते बच्चों पर भी
सरकारों का ध्यान नहीं है

जो बैठा “आकाश” शिखर पर
वह कोई भगवान नहीं है

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 06/11/2019

2 Likes · 1 Comment · 560 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
💐 Prodigy Love-44💐
💐 Prodigy Love-44💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*रिश्तों को जिंदा रखना है, तो संवाद जरूरी है【मुक्तक 】*
*रिश्तों को जिंदा रखना है, तो संवाद जरूरी है【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
अवसाद का इलाज़
अवसाद का इलाज़
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"मौन"
Dr. Kishan tandon kranti
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
लखनऊ शहर
लखनऊ शहर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आज का बदलता माहौल
आज का बदलता माहौल
Naresh Sagar
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
Vishal babu (vishu)
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
इस पार मैं उस पार तूँ
इस पार मैं उस पार तूँ
VINOD CHAUHAN
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
Radhakishan R. Mundhra
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
जब वक़्त के साथ चलना सीखो,
जब वक़्त के साथ चलना सीखो,
Nanki Patre
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
शेखर सिंह
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
Keep this in your mind:
Keep this in your mind:
पूर्वार्थ
2784. *पूर्णिका*
2784. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#प्रसंगवश...
#प्रसंगवश...
*Author प्रणय प्रभात*
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
जाने दिया
जाने दिया
Kunal Prashant
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
ruby kumari
सच्चा धर्म
सच्चा धर्म
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...