ग़ज़ल-ये चेहरा तो नूरानी है
ग़ज़ल-ये दुनिया तो बैगानी है-
देख तुझे हैरानी है।
क्या चेहरा ये नूरानी है।।
मत इतराओं इस पर तुम।
कुछ दिन की तेरी जवानी है।।
यकीं भी करलो इस पर तुम।
तक़दीर बदल ही जानी है।।
नफ़रत की आग जो फैली है।
घर घर की यही कहानी है।।
न मिले सहारा मुफलिस को।
ये दुनिया तो बेगानी है।।
कर सके बयां न हाले दिल।
ये सबसे बड़ी नादानी है।।
नज़रें देख झुका ली क्यों।
ये प्यार की एक निशानी है।।
हंसकर गुज़ार दो ‘राना’ तुम।
बस ज़रा सी ज़िन्दगानी है।।
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
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*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-74 पेज-82 से साभार