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24 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)

शुक्रिया

यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया।
फूलों से मेरा जिस्म सजाने का शुक्रिया।।

इतना मिला है प्यार मुझे आपसे सनम।
करती हूँ ऐसे साथ निभाने का शुक्रिया।।

बारिश गमों की सर पे थी अश्क़ों से आखें नम।
हाथों में लेके हाथ हँसाने का शुक्रिया।।

कश्ती मेरी ख़ुदारा थपेड़ों की ज़द में थी।
पतवार बनके पार लगाने का शुक्रिया।।

डॉ.रागिनी शर्मा,इंदौर

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