ग़ज़ल :- मुस्कान से डर जाते हैं !! पार्ट –2
ग़ज़ल :– मुस्कान से डर जाते हैं ! (पार्ट–2)
गज़लकार :– अनुज तिवारी “इन्दवार”
हम कायरो के झूठे गुनगान से डर जाते है !
झूठी आडम्बर और मीठी मुस्कान से डर जाते है !
एक ऐसी निजाम शदियो से चली आई ,
अपमानित करने वाले भी अपमान से डर जाते है !!
आज हम गीता और कुरान से डर जाते है !
मजहवी चलन के हिन्दू मुसलमान से डर जाते है!
इन्सानियत का दौर कुछ इस कदर आया ,
आज के इन्सान , इन्सान से डर जाते है !!
स्वार्थ की दुनिया मे , अहसान से डर जाते है !
खुदगर्जी के आलम मे , फरमान से डर जाते है !
ऐवानो मे रहने वाले हमे नीलाम न कर दे ,
दौर के उन ऐसे , धनवान से डर जाते है !!